आम चुनावों में आजकल अब्बल दिखने के लिये अजीबोगरीब गिरने की होड़ लगी हुई है।
नेशनल कांफ्रेंस के ज़नाब फ़ारूख़ अब्दुल्ला ने कहा है कि "मोदी को वोट देने वालों को डूब मरना चाहिये।"
ज़नाब फ़ारूख़ अब्दुल्ला साहब, आप लोकसभा में बैठकर पूरे भारत देश के लिये गर्व से क़ानून बनाते हो, लेकिन इन कानूनों को 'जम्मू कश्मीर' राज्य में लागू न होने देने के हिमायती बने रहने में आपको ज़रा भी शर्म नहीं आती ? चलिये, फेहरिस्त तो लम्बी है। आपकी तमाम गुस्ताखियों के बाबजूद भी, हम जैसे तमाम देश-प्रेमी आपको तथा आपके भ्रष्ट संगी-साथी जैसे कांग्रेस को वोट देने वालों को हरगिज़ डूब मरने के लिये नहीं कहेंगे, क्योंकि ऐसा कहना इस देश के क़ाबिल मतदाताओं की बेइज़्ज़ती करना होगा।
हाँ, भगवान से ये प्रार्थना ज़रूर कर लेंगे, कि आप जैसों की अलगावबादी सोंच बदले, और वह भारत की धड़कन को पूर्णतया आत्मसात कर लें, दिखावे की भावना लेशमात्र भी न रहे, और गिरे हुये बयान देने से बाज़ आयें।
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