उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में 10 अप्रैल 2014 को एक चुनावी रैली में 'ऐंटी रेप बिल' की चर्चा के दौरान समाजबादी पार्टी सुप्रीमो माननीय श्री मुलायम सिंह यादव ने आजकल देश में चल रही नारी सुरक्षा की बहस को बहुत तगड़ी चोट पहुँचाते हुये कहा है कि "बेचारे" रेपिस्टों को फांसी देना ग़लत है। इससे संदर्भित केवल दो प्रश्न देशवासी उनसे पूँछना चाहते हैं :-
(1) कहीं ऐसा तो नहीं कि "बेचारे" ये रेपिस्ट अमूमन सपा समर्थक होते हों, इसलिये उन्होंने इनका बचाव किया है ?
(2) माननीय न्यायालय बलात्कार के 'दुर्लभ से दुर्लभतम' (Rarest of the Rare) मामलों में ही फांसी की सज़ा देते हैं, फिर माननीय न्यायालयों के फैसलों पर प्रश्न-चिन्ह लगाकर न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करना तथा न्यायलय की अवमानना करना आख़िर क्यों और कब तक ?
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