Friday, March 27, 2015

विराट कोहली ने खुद ही तमाशा बनाया !

    क्रिकेट वर्ल्ड कप 2015 सेमीफाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया के हाथों भारत की बुरी तरह पराजय को भारतीय क्रिकेट प्रेमी आसानी से पचा नहीं पा रहे हैं, और टीम के खिलाड़ियों पर तरह-तरह की ग़ैर-बाजिब टिप्पणियाँ भी हो रही हैं। 
   कोसे जाने बालों में प्रमुख निशाना विराट कोहली पर है। उनके साथ-साथ उनकी गर्ल-फ्रैंड या उनकी होने बाली जीवन-संगिनी सुश्री अनुष्का शर्मा को भी, जो स्टेडियम में मौज़ूद थीं, तल्ख़ टिप्पणियाँ झेलनी पड़ रही हैं। 
     इसके प्रमुख दो कारण हैं :
(नं0-1) भारत का अधिकांश मीडिया, जिसको तिल का ताड़ और बात का बतंगड़ बनाकर मसालेदार खबरें परोसकर "न्यूज़ ट्रेडिंग" करने में महारथ हासिल हो चुकी है। ये उसी का परिणाम है।
(नं0-2) ऊल-ज़लूल कटाक्षों के लिये कोहली स्वयं भी ज़िम्मेदार हैं, वरना एक मौके पर अच्छी पारी खेलने के बाद ग्राउंड से ही स्टेडियम में मौज़ूद सुश्री अनुष्का शर्मा के लिये, क्रिकेट के मर्यादित और उच्च-मानदंडों के विपरीत, बल्ले से 'फ्लाइंग किस' करके तमाशा तो उन्होंने ख़ुद ही बनाया। ऐसा तमाशा करके चिर-परिचित 'बॉलीबुडी शिगूफ़ों' की तर्ज़ पर अनुष्का शर्मा की फिल्मों की 'फैन-फॉलोइंग' पर शायद सकारात्मक असर पड़ जाये लेकिन विराट बाबू ! धुरंधर खिलाड़ी युवराज का विज्ञापन बाला एक सन्देश हमेशा याद रखना, कि  "जब तक बल्ला चल रहा है तभी तक....."
    ***अनेश कुमार अग्रवाल 
27.03.2015  

Tuesday, March 3, 2015

जम्मू कश्मीर में 2014 के आम चुनाव पर हालिआ सियासत !


     जम्मू कश्मीर में हाल में संपन्न शांतिपूर्ण चुनावों का श्रेय भारत गणराज्य की सुदृढ़ता, उसके लोकतांत्रिक ढाँचे की मज़बूती, उसके चुनाव आयोग, सेना, अर्धसैनिक बलों और जम्मू कश्मीर के लोगों को जाता है।
     भारत की चट्टानी दृढ़ता और उसकी लोकतांत्रिक चुनावी व्यवस्था की हक़ीक़त के आगे पाकिस्तान और अलगावबादी हुर्रियत को आख़िरकार नतमस्तक होना ही पड़ा। अब यदि, जम्मू कश्मीर के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री जनाव मुफ़्ती मोहम्मद सईद साहब पाकिस्तान और अलगावबादी हुर्रियत की इस स्वीकारता को भारतीय चुनावों में उनका योगदान देना कहते हैं, तो यह उनका घटिया विश्लेषण, मानसिक दिवालियापन और सच्चाई से मुँह मोड़ने के अलावा कुछ और नहीं है। रही बात, आतंकी अफ़ज़ल गुरू के अवशेषों को कश्मीर लाने की मांग और फिर उसको महिमा-मंडित करने की बदनीयती, तो यह पीडीपी और लम्पट अय्यरों का भारत राष्ट्र और उसकी न्यायिक व्यवस्था के विरुद्ध देशद्रोह कहा जायेगा, जिसको भारतीय क़ानून की कसौटी पर कसा जाना चहिये।
*अनेश  कुमार अग्रवाल 
  03.03.2015