बनारस में मोदी जी की रैलियों को पहले इज़ाज़त नहीं, उद्देश्य बिफल कर देने के उपरांत बाद में इज़ाज़त। भाजपा कार्यालय में ग़ैरक़ानूनी छापा मारकर प्रचार सामग्री जब्त करना, फ़िर लौटा देने की बात करना। आख़िर यह भाजपा के साथ चुनाव आयोग और स्थानीय प्रशासन की ज्यादती एवं पक्षपात नहीं तो और क्या है ?
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