Saturday, May 30, 2015

"अपील" और "रिवीजन" की अवधारणा

     स्वच्छ न्याय प्रशासन (Fair Administration of Justice) की अवधारणा में "अपील" और "रिवीजन" के अन्तर्गत पूर्व निर्णयों को केवल पलट देना या यथावत रखना ही नहीं आता है, अपितु जानबूझकर की गयीं त्रुटियाँ (Intentional Mistakes) एवं पूर्व निर्धारित सोच-विचारकर किये गये न्यायिक उल्लंघन (Predetermined Deliberate Judicial Violations) पाये जाने की दशा में कड़ी निंदा (Strictures) एवं कठोर दण्ड (Severe Punishment) का प्रावधान भी अनिवार्य रूप से होना चाहिये, तभी अधीनस्थ न्यायिक फ़ोरम (Subordinate Judicial Forum) के कदाचार, भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी आदि पर प्रभावी रोक सम्भव हो सकती है। अन्यथा उदाहरणस्वरूप- कभी वरिष्ठ ब्यूरोक्रेट, कभी राजनेता के हितबद्ध होने की दशा में और कभी रिश्वतखोरी की दशा में "गणतन्त्र दिवस" 26 जनवरी के सार्वजानिक अवकाश के दिन भी लेखपाल, राजस्व निरीक्षक और तहसीलदार के द्वारा वाद भूमि-स्थल की 'स्पॉट' रिपोर्टें तैयार होती रहेंगी, तथा अगले दिन रविवार को इनकी लखनऊ न्यायालय द्वारा स्वीकारता होती रहेगी, और कभी निम्नवर्णित क्रिया-कलाप होते रहेंगे :-


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